मौत निठल्ली खड़ी-खड़ी, हमको खूब समझाती है।
क्या जाएगा साथ तुम्हारे, कर्मों की कथा सुनाती है।। जान-बूझ जो गलत किया, वे दृश्य दिखाई देते हैं। बुरे कर्म का यही नतीजा,
कान मेरे सुन लेते हैं।।
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