मूलतः वह हास्य का एक सु-नामी, मेरा मतलब है अच्छे नाम वाला कवि है। नाम वाला है, इसलिए बदनाम भी है क्योंकि 'जो है नाम वाला, वही तो बदनाम है।' हास्य कवि कहलाने में उसको लिजलिजेपन का बोध होता है। वह अपने आप को हमेशा ही व्यंग्य का कवि बताता है।
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