रंगपंचमी : खट्टा-मीठा काव्य-रस
होली बीते दिन हुए, अब क्यों मले गुलाल। मारेगी ताना सखी, देख गुलाबी गाल ॥
View Articleहोली की पैरोडी : होली का त्योहार है
क्या उमंग है, क्या तरंग है रंगों की क्या बौछार है... होली का त्योहार है ॥ कुछ रंग में, कुछ भंग में डूबा हुआ संसार है... होली का त्योहार है ॥
View Articleहोली और महंगाई
अच्छा हुआ दोस्त जो तूने होली पर रंग लगा कर हंसा दिया वरना अपने चेहरे का रंग तो महंगाई ने कब का उड़ा दिया
View Articleहोली की चटपटी पैरोडी : मुबारक होली के ये रंग
कम मैंने ये सोचा था कब मैंने ये जाना था तुम मेरे निकट आओगे बांहों में लिपटाओगे हाथों में रंग भरोगे मेरे चेहरे पे मलोगे मेरे मेहबूब मेरे सनम मेरे मेहबूब मेरे सनम मुबारक होली के ये रंग
View Articleहोली न्यौता
मोरी गलियन लला तुम आइयो होली खेलन, लला तुम आइयो॥ ऐसी रंग रंगीली होली कबहुं ने खेली हुइए तुमने॥ भांग घोटी है हम औरन ने
View Articleहोली का चटपटा रोचक भविष्यफल
नील-गगन के नक्षत्रों के आधार पर, अतिप्राचीन नगरी उज्जयिनी के खगोल और भूगोल-शास्त्री होली के पावन अवसर पर पेश कर रहे हैं, शानदार ज्योतिषीय रिपोर्ट- होली का भविष्यफल। अतः सभी बंधुओं और भाभियों से निवेदन...
View Articleकक्काजी की होली
अब कोई होली मनती है का! होली तो मनाते थे कक्काजी। कक्काजी हमारे गांव के मुखिया थे। तो बात कर रहे थे होली की। कक्काजी की होली खास होती थी खास।
View Articleनई जनरेशन और होली
देश के प्रमुख त्योहारों में होली बहुत ही विशेष है। चूंकि इसे मनाने में गांठ में पैसे होना जरूरी नहीं है अत: इसे देश का गरीब से गरीब आदमी भी मना सकता है। यदि यह भी कहा जाए कि 'ऊंचे लोग, ऊंची पसंद, भूलते...
View Articleहोली धमाका : रंग में व्यंग्य
आपको रंगों से एलर्जी है चलिए आपको रंग नहीं लगाएंगे मगर साथ तो बैठिएगा रंगीन बातों से ही होली मनाएंगे।
View Articleपति-पत्नी और युवराज सिंह
कल शाम पत्नी सजधज कर अपने पति का इंतज़ार कर रही थी। पति रोज़ के समय से देरी से घर लौटा और बिना पत्नी को तवज्जो दिए उखड़े मन से पत्नी को खाना लगाने के लिए कहा। खाना खाकर रोज़ की तरह वह टीवी देखने के...
View Articleमायके गई पत्नी का रोमांटिक SMS
पत्नी जब मायके जाती है और फिर जब पति कि याद आती है तो कैसे रोमांटिक SMS भेजती है देखिए।
View Article90 का दूरदर्शन और हम...
बचपन वाला वो 'रविवार' अब नहीं आता, दोस्त पर अब वो प्यार नहीं आता। जब वो कहता था तो निकल पड़ते थे बिना घड़ी देखे, अब घडी़ में वो समय, वो वार नहीं आता। बचपन वाला वो 'रविवार' अब नहीं आता...।।।
View Articleहास्य व्यंग्य : आवाज न दो...
एक व्यक्ति की आदत थी कि वह हर बात का जवाब गाने के द्वारा देता था। वह साइकल से जा रहा था तब हवलदार उसे रोकता है और जो बातें उनके मध्य होती हैं, जरा सुनिए -
View Articleहास्य व्यंग्य : काश! मैंने भी किया होता
काश! मैंने भी किया होता। अरे वो ही जो आजकल सब लड़के-लड़कियां करते हैं। मुआ प्यार और क्या। सुना है इसमें बड़ा मजा आता है। प्रेमी मनपसंद चीजें दिलवाता है। चाट-पकौड़ी जो कहो सब खिलाता है। सिनेमा भी दिखाता...
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