हमारे यहाँ प्रेम की परंपरा अनादि काल से चली आ रही है। वैदिक काल के ऋषि-मुनि इसकी अभिव्यक्ति नाना प्रकार से करके हमारे लिए मार्ग प्रशस्त करते रहे हैं। वह प्रेम भी सर्वथा पवित्रता के साथ किया जाता था तथा उसमें समाज की एन.ओ.सी. की आवश्यकता नहीं थी। ...
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