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Channel: हास्य व्यंग्य
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होली की हँसी-ठिठोली!

होली अईगी होली, हुई री घनी ठिठोली। नेता लूटी रिया देश, देखी री जनता भोली॥ इंदरधनुषी रंग का, सपना का कोरा खाका। उलझाट पैदा करता दिखी रिया है ताखा। कई बजाय फूटा के ढ़ोल फोड़ी के ढ़ोली, होली अईगी होली हुई री...

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होली का हंगामा...!

आपके प्यार को जिया है तो आपकी बेरुखी भी सह लेंगे आपने रंग न लगाया तो क्या आपका नाम लेकर ही खुद को रंग लेंगे। खेलना है होली खूब खेलो रंग के लिए मगर मेरा दिल तो ना तोड़ो। मेरे और अपने घर वालों को दंग कर...

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पैरोडी : कब मैंने ये सोचा था

कब मैंने ये सोचा था कब मैंने ये जाना था तुम मेरे निकट आओगे बाहों में लिपटाओगे हाथों में रंग भरोगे मेरे चेहरे पे मलोगे मेरे मेहबूब मेरे सनम मुबारक होली के ये रंग। आँखों में शरारत ये जो पहले तो नहीं थी...

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होली का शुक्रिया

अच्छा हुआ दोस्त तूने होली पर रंग लगाकर हँसा दिया वरना अपने चेहरे का रंग तो कब का महँगाई ने उड़ा दिया। दुश्मन राह में मिले तो बचकर न निकलना अपनी पिचकारी के रंग से उसे सलाम अवश्य ही करना। तुम्हारे प्यार...

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हास्य कवि और हँसी के रंग

होली है और हास्य कवि रचना-कर्म में तल्लीन है। फागुन के चलते कवि के भीतर लाफ्टर का रेडियोधर्मी रिसाव होने लग गया है। वह हास्य के ताप और पारिश्रमिक के आंतरिक दाब को सतत बर्दाश्त कर रहा है। उसे लगातार कवि...

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विकीलीक्स : घर बैठे चर्चित होने की ग्यारंटी

आखिर कब आएगा वह आदर्श दिन जब विकीलीक्स मुझ पर मेहरबान होगा? मेरा भी कच्चा-चिट्ठा खोलेगा। मुझे सरेआम चर्चित हस्ती बनाएगा। अखबारों में मेरे चर्चे छपेंगे। शहरों में पर्चे बँटेंगे। खबरिया चैनलों पर मेरी...

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मामला कप का !

भारतीय टीम के समर्थन में एसएमएस का दौर भी जमकर चल रहा है। एक एसएमएस जिसमें पाकिस्तानी कप्तान पर कटाक्ष किया गया है। एसएमएस की बानगी कुछ इस तरह है : - अफरीदी अपनी बीवी से : मुझे चाय तो देना। बीवी ने...

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आज है मूर्ख दिवस...!

दुनिया भर के मजाकिया और हास्य प्रिय लोगों का दिन 'अप्रैल फूल डे' आज है। मजाकिया किस्म के लोग आए दिन अपने दोस्तों-परिचितों के साथ मजाक करके उन्हें बेवकूफ बनाते हैं। एक अप्रैल तो का दिन और खास है इस दिन...

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पेरौडी : रन लूटने वाले जादूगर

सचिन अरमान है तुझको मैं नहलाऊँ चोके-छक्कों की बरसातों में मुरली मेरी बॉल पे तुम ऐसा शॉट खेलो समाओ कीपर के दस्तानों में सचिन चल बॉल उठा कर फेंक जरा तुझे सीमा पार पहुँचाना है मुरली रन लूटने वाले जादूगर...

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लेखक होने की व्यथा !

मैं लेखक हूँ। सिर्फ लेखक। मुझे अब अपने लेखक होने पर शर्म आने लगी है। जी करता है कलम-कागज सब त्याग कर अभी चुल्लूभर पेप्सी में डूब मरूँ। ताउम्र कलम रगड़कर मिला क्या? न बंगला बना पाया, न कार जुटा पाया। एक...

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छिड़ गई आजादी की द्वितीय लड़ाई

लीजिए, आजादी की एक और लड़ाई छिड़ गई। तिथि- 5 अप्रैल 2011, स्थान- पहले राजघाट, फिर जंतर-मंतर, दिल्ली। बेशक, यह आजादी की ठीक-ठीक कितने नंबर की लड़ाई है, इसमें कुछ कंफ्यूजन है। आजादी की ताजा लड़ाई के...

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दागी होने के फायदे...

एक बड़े सरकारी बंगले में सुबह की चाय पीते और अखबार पढ़ते हुए एक आला अफसर राम भरोसे लाल की पत्नी बुद्धिमति देवी ने अपने पति से कहा, 'अजी सुनते हो, खबर है कि सरकार दागी अफसरों की सूची बना रही है। इसमें...

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घोटालेबाजों को नटवर पुरस्कार

नटवर पुरस्कारों की घोषणा से पहले नटवरलाल जी ने प्रेस क्लब में पुरस्कारों की पृष्ठभूमि स्पष्ट करना जरूरी समझा, बोले- मित्रों, नोबेल से मिली मुझे नटवर पुरस्कारों की प्रेरणा। वही अल्फ्रेड नोबेल जिन्होंने...

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प्रेम के न्यारे रंग...!

हमारे यहाँ प्रेम की परंपरा अनादि काल से चली आ रही है। वैदिक काल के ऋषि-मुनि इसकी अभिव्यक्ति नाना प्रकार से करके हमारे लिए मार्ग प्रशस्त करते रहे हैं। वह प्रेम भी सर्वथा पवित्रता के साथ किया जाता था तथा...

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चिराग ए मोमबत्ती!

पहले ज्ञानीजन कहते थे- कोई चिराग तो जलाओ यारों! अब सिविल सोसाइटी वालों का आह्वान होता है- एक मोमबत्ती तो जलाओ यारों ! पहले तो घर का लाड़ला भी चिराग ही होता था, जिससे कई बार घर भी जल जाता था। जैसा कि कहा...

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कैसे जाग गई जनता!

ये जनता को क्या हो गया। अचानक ही क्या पागलपन कर बैठी है। दिन-रात का साथ है। नेताजी को कुछ समझ में नही आ रहा। वे अपने प्यारे नेताओं की बात मानने को ही तैयार नहीं है। पूरे देश में बस एक ही माहौल फैला रखा...

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चम्मच बदनाम हुआ, आदमी तेरे लिए!

बर्तन परिवार के सबसे छोटे और खुद को उपेक्षित मान रहे सदस्य चम्मच ने बर्तन परिवार के मुखिया श्री कलश महाराज से पूछा, 'महाराज आखिर मेरा कसूर क्या है जो सभ्य समाज मुझे हीन दृष्टि से देखता है, आखिर क्यों...

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काश लादेन भारत आ जाता!

इधर एक दिन सुबह उठा तो पता चला कि लादेन भाई नहीं रहे। एक दिन में इतनी जल्दी सब खत्म। भई इतनी जल्दी तो हिंदी फिल्म में खलनायक भी नहीं मरता। पाकिस्तान, जो आतंकवादियों की शरणस्थली है, में एक सर्वश्रेष्ठ...

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एबटाबाद में बना एक बंगला न्यारा

एक मकान बना, बल्कि बंगला बना न्यारा, प्लॉट बेचा गया, खरीदा गया, न कहीं कोई आर्किटेक्ट, न बिल्डर, न मजदूर, न कोई इंस्पेक्टर, न कोई डीड, न टाइटल, न रिएल्टर, न ब्रोकर। मामला समझ नहीं आया, बिलकुल समझ नहीं...

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चारों ओर चोर ही चोर!

आज समाज में एक से एक बड़े वाले चोर जनम ले चुके हैं। इनके पास कोठियां, कारें हैं। अकूत संपत्तियां हैं। पब्लिक में मान-सम्मान है। ये रोज चोरी करते हैं और चौड़े से सीना तान कर निकलते हैं। मजाल है कानून के...

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