होली है और हास्य कवि रचना-कर्म में तल्लीन है। फागुन के चलते कवि के भीतर लाफ्टर का रेडियोधर्मी रिसाव होने लग गया है। वह हास्य के ताप और पारिश्रमिक के आंतरिक दाब को सतत बर्दाश्त कर रहा है। उसे लगातार कवि सम्मेलनों में जाना है। आयोजनों में जाते ही उसके ...
↧