फ्री फॉर ऑल बने घपले-घोटाले!
चंद नेताओं, अफसरों, बड़े उद्योगपतियों को ही क्यों घपलों-घटालों का पुण्य-लाभ मिलता रहे। आम आदमी के हाथ वाली सरकार ने इन्हें नहीं रोक पाने के लिए पहले ही हाथ टेक दिए हैं। अब करना यह चाहिए कि आम आदमी को...
View Articleगम पालने के लाभ...
भला गम भी कोई पालने की चीज है। लोग-बाग तो गम से दूर ही रहना चाहते हैं ऐसे में कोई सिरफिरा ही गम पालने के लाभ ढ़ूंढ सकता है। यही तो बात है कि जो सिगरेट और मदिरा का भरपूर लुत्फ लेते हैं वही दूसरों को उस...
View Articleहम क्या हैं?
आजकल लोगों ने बहुत ही परेशान कर रखा है। आखिर हम प्रधानमंत्री हैं या दुकानदार। एक ही सवाल पूछते रहते हैं- महंगाई कब कम होगी? प्याज कब सुधरेगा? शक्कर कब सस्ती होगी? गेहूं नीचे कब आएगा? दालों का भाव जमीन...
View Articleएक छोटी-सी फांसी दे दे बाबा...!
एक, जी हां सिर्फ एक फांसी का सवाल है। वह भी यूं ही किसी की भी फांसी का नहीं, सिर्फ फांसी लायक होने की ही वजह से किसी बंदे की फांसी देने का भी नहीं, बाकायदा फांसी की सजा पाए हुए बंदे की फांसी का सवाल...
View Articleबाबा रामदेव राजनीति की राह पर
राजनीति की राह का 'र' मेरे अनुभव से रुपए के 'र' से ही बनता है, फिर चाहे उस राह पर जाने की घोषणा बिना जेब के कपड़े पहनने वाले और अपने नाम से बैंक में कोई खाता न रखने वाले बाबा रामदेव ही क्यों न करें।...
View Articleभ्रष्टाचार विरोधी अभियान में सहयोग
आज मैं धन्य हो गया। खुद अपनी पीठ थपथपाने को मन कर रहा है। भ्रष्टाचार विरोधी अभियान में कुछ तो सहयोग कर पाया। उनकी पार्टी सरकार चला रही है, आप तो जानते हैं ऐसे लोगों के पास आइडिए की और आइडिए देने वालों...
View Articleयोगगुरु का भ्रष्टाचार के खिलाफ हठयोग!
प्रसन्नता का विषय है कि बाबा रामदेव अपनी योग-साधना से भ्रष्टाचार को जड़-मूल से उखाड़ने का शंखनाद कर चुके हैं। इतना ही नहीं, वे तो नई दिल्ली के रामलीला मैदान में सत्याग्रह भी कर चुके और पुलिस द्वारा भगाए...
View Articleबोलो - 'भ्रष्टाचार भगवान' की जय
भ्रष्टाचार का प्रभामंडल इसी तरह बढ़ता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब लोग भ्रष्टाचार को भगवान मानने लगेंगे। सच बात तो यह है कि कई लोग अभी भी भ्रष्टाचार को भगवान की तरह पूजते हैं लेकिन सबके सामने स्वीकार करने...
View Articleकाला धन और भ्रष्टाचार का तालमेल
बात हो रही थी काले धन और भ्रष्टाचार की। वह बोले, 'इस देश में कौन-सा ऐसा बिजनेस है जो नंबर दो के पैसे के बिना चलता हो। दरअसल, आज नंबर दो नंबर-वन बन चुका है। ईमानदारी से बिजनेस करोगे तो आपकी ज्यादातर...
View Articleचोरी हुए बापू के वस्तु-विचार
महात्मा गांधी के वर्धा आश्रम से बापू का अति प्राचीन चश्मा गायब क्या हुआ कि सीआईडी उसकी जांच में जुट गई है। पुराने जमाने का यह चश्मा कोई चोर तो हर्गिज नहीं चुराएगा, क्योंकि यदि वह इसे बेचने जाएगा तो कोई...
View Articleचमत्कार को नमस्कार!
सलाम के लिए मियांजी को क्यों नाराज किया जाए, इसे शिरोधार्य करके मैं सबको नमस्कार करता रहा, लेकिन किसी ने आगे बढ़कर मुझे नमस्कार नहीं किया। इसका मुझे रंज भी कम न था। दफ्तर में कोई पोजीशन नहीं होने से...
View Articleभगवान सचिन ने बटोरी टीआरपी!
एक गबरू नौजवान, जिसके सामने पढ़-लिखकर बड़ा आदमी बनने की बाध्यता कभी नहीं रही, चमड़े के एक ठोस गोले को पीट-पीटकर एक महान विभूति, इतिहास पुरुष यहां तक की 'भगवान' की श्रेणी में पहुंच गया। आम भारतीयों की तरह...
View Articleबारिश और गर्लफ्रैंड
कैसा लगता है जब, बरसते पानी में, हवा के झौंकों के संग, खामोशी से चलते हुए, आपकी गर्लफ्रैंड हाथ थाम हौले से कहे.... नीचे देख, गोबर है।
View Articleकैसे मिले विधेयक को मजबूती?
सब चाहते हैं कि भ्रष्टाचार के खिलाफ एक मजबूत विधेयक आए। हम सबने मान लिया है कि बिना मजबूती के भ्रष्टाचार के खिलाफ बातें करना भैंस के आगे बीन बजाने जैसा है। भ्रष्टाचार की भैंस को काबू करने के लिए एक...
View Articleअन्ना बनेंगे द्वितीय-महात्मा
खुद को ज्यादा पढ़ा-लिखा लगाने वालों की यही प्रॉब्लम है। जरा सा हुंकारा भरने में इनकी जान निकलती है और 'ना' हर वक्त इनकी जुबान पर धरा रहता है। और तो और अब अन्ना को महात्मा-द्वितीय मानने पर भी इन्हें...
View Articleक्रिकेट टीम का प्रायश्चित अभियान
यह भारतीय क्रिकेट टीम का प्रायश्चित पर्व है। हम क्षमायाचना के मूड में हैं। बहुत हो चुका जय-विजय का जश्न! बहुत हो चुकी हमारी दादागिरी। पहले वनडे, फिर टी-20 और फिर टेस्ट क्रिकेट में। बस अब और नहीं! हम...
View Articleआतंक ही देश की विकट समस्या
वे हमेशा कुछ न कुछ करते रहते हैं। आखिर देश के जिम्मेदार मंत्री जो ठहरे। और करें भी क्यों न, देश के प्रति उनकी जिम्मेदारी जो बनती है। आजकल मंत्री बनना कितनी परेशानी की बात है। इतने सारे राज्य हैं, ढेरों...
View Articleअनोखे लाल के नए-नए आइडिए
अद्भुत हैं अपने अनोखे लाल। उनके दिमाग में नित नए-नए आइडिया जन्मते हैं। रास्ते में चलते-चलते मिल गए तो जबर्दस्ती बिठा लिया। कहने लगे कल रात एक विचित्र सपना देखा। मुझसे रहा नहीं गया। सो पूछ बैठा, 'यों ही...
View Articleशून्य के चमत्कार को नमस्कार...!
शून्य कहने को तो शून्य है परंतु शून्य का ही चमत्कार है कि यह एक से दस, दस से हजार, हजार से लाख, करोड़ कुछ भी बना सकता है। बहुत से व्यक्ति भावशून्य होते हैं। ऐसे व्यक्ति जब राजनीति में सक्रिय होते हैं तो...
View Articleहास्य-व्यंग्य पर कवि सम्मेलन
हाल ही में ग्वालियर में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमें देश के प्रख्यात कवियों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से जनचेतना का भाव जाग्रत किया। इस कवि सम्मेलन में हास्य-व्यंग्य के कवि पद्मश्री...
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