शून्य कहने को तो शून्य है परंतु शून्य का ही चमत्कार है कि यह एक से दस, दस से हजार, हजार से लाख, करोड़ कुछ भी बना सकता है। बहुत से व्यक्ति भावशून्य होते हैं। ऐसे व्यक्ति जब राजनीति में सक्रिय होते हैं तो देखते ही देखते करोड़पति बन जाते हैं। चोर-उचक्के ...
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