कब मैंने ये सोचा था
कब मैंने ये जाना था
तुम मेरे निकट आओगे
बाहों में लिपटाओगे
हाथों में रंग भरोगे
मेरे चेहरे पे मलोगे
मेरे मेहबूब मेरे सनम
मुबारक होली के ये रंग।
आँखों में शरारत ये जो
पहले तो नहीं थी
चेहरे की मुस्कराहट
पहले तो नहीं थी
पहले तो ना ...
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