$ 0 0 आरती जय कुरसी माता, जगत सब तेरी शरण आता। मूढ़-अज्ञानी रिश्वतदानी, सब तुम्हरे ही चेले। जहां बिराजैं देवी मैया, हर दिन लगते मेले।।